छूटा हुआ कुछ डा. रमाकांत शर्मा 13. यूएस जाने की तैयारियों के बीच उमा जी को याद आया कि जाने का समय बिलकुल नजदीक आ गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने मां-बाबूजी को तो इसकी इत्तला दी ही नहीं है। उन्होंने हाथ के सारे काम छोड़े और मां को फोन लगा दिया। फोन बाबू जी ने उठाया और उमा जी की आवाज सुनते ही उन्होंने कहा – “उमा बिटिया, कितने दिन बाद तेरी आवाज सुन रहा हूं, सब ठीक तो है।“ “हां बाबूजी आपके और मां के आशीर्वाद से सब ठीक है। लगता है, फोन आपके कमरे में शिफ्ट हो