वे दस मिनट कोलकाता से चेन्नई के लिए ट्रेन में बैठा था. २४ घंटे का सफ़र. साथ में दो एक किताबें रख ली थी. नीचे की बर्थ पाकर संतुष्ट था. सामान लगाया और टीटी से निपटा तो जाने कहाँ से कोई टपक पड़ा और मेरी बर्थ के अंतिम छोर पर बैठ गया – यह रिजर्व्ड कोच है, कौन है आप.. यहाँ क्यों बैठे हैं ?मैं भुनभुनाया. उसने झपकती आँखों से मुझे देखते हुए विनम्रता से जबाब दिया.. भैया खड़गपुर में उतर जाऊंगा, ढाई घंटे की ही तो बात है. यहाँ बैठ तो सकता हूँ, जनरल बोगी में गया तो माथा