मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (9) सोचकर भी अजीब लगता है, 13 वर्ष की नानी माँ ने, माँ के प्यारे नाम ‘रूबी’ से पुकारकर धीरे-धीरे उनसे बेटी का रिश्ता कायम किया जो ताउम्र रहा। अपनी पाँच संतानों के होते हुए भी, इन माँ-बेटी का निश्छल प्रेम समाज में एक उदहारण बन गया। न बातों में, न व्यवहार में कभी मुझे इस सत्य का अंदेशा मिला। प्रदीप मामा ने भी अपनी रानी माँ का जिक्र अपनी डायरी में किया है। बचपन में एक चांदी की सुन्दर कटोरी उनके मनमें कौतुहल जगाती। उस कटोरी पर नाम