चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 8 मां अध्कच्ची नींद से अकबकाकर उठी। पिन्टू ने मां को देखा। मां की आंखों में दहशत थी। इस दहशत ने उसे भी गिरफ्रत में ले लिया। दरवाजे पर पिफर ध्म्म-ध्म्म हुई। वह उठा। लपककर दरवाजे तक आया। दूसरी ओर से कोई चीखा, ‘खोलता है दरवाज