गूंगा गाँव - 2

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दो सूर्य डुबने को हो रहा था। चरवाहे अपने पशु लेकर लौट पड़े थे। गाँव के लोग अपने पशुओं को लेने, गाँव के बाहर हनुमान जी के मन्दिर पर प्रतिदिन की तरह इकठ्ठे हो गये। मन्दिर के चबूतरे से, जो जमीन की सतह से छह-सात फीट ही ऊँचा होगा, उस पर खड़े होकर पशुओं के आने की दिशा का अनुमान लगाने लगे। मौजी ऐसे वक्त पर जब-जब यहाँ से निकलता है,उसे वर्षें पुरानी घटना याद हो आती है। जब वह पहली-पहली बार इस गाँव में आया थ। पत्नी सम्पतिया उसके साथ थी। भाई रन्धीरा तथा दो