अचानक ही इख़लाक़ का एक साल का बेटा रो पड़ा, इख़लाक़ ने चुप कराने की कोशिश करनी चाहीं लेकिन बच्चा शायद मां के लिए रो रहा था,गुरप्रीत को बच्चे पर रहम आ गया, उसने उसे गोद मे उठा लिया,गुरप्रीत ने बच्चे को जैसे ही गोद मे लिया बच़्चा चुप हो गया।। शायद ये आपको अपनी अम्मी समझ रहा हैं, इख़लाक़ बोला।। तभी इख़लाक़ की तीन साल की बेटी भी जाग गई और अपनी आंखो को मलते हुए उसने पूछा___ ये कौन हैं? अब्बू!अम्मीजा़न वापस आ गई ।। नहीं, बेटा ,ये भी हमारी तरह परेशान हैं, हमारे साथ