रात के करीब तीन बजे ही रहे होंगे तभी कमरे के बाहर कुछ आहट सी हुई ...नीद टूटी,ओर चारपाई से अभी पूरी तरह सुरेश उठी पा रहा था कि दुबारा से कॉल बेल बजी। इतनी रात को,लगता है जान आगयी अपना काम पूरा करके। मगर आज साली इतना कम समय क्यों दी।बताता हूं अगर आधे अधूरे पैसे के साथ लौटी होगी तो,बीप बीप...साली। सुरेश ज्यूँ दरवाजे को खोला वो देख ,उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी। साहब आप,सामने पुलिस वाले खड़े थे,जिसे देखकर सुरेश की आँखे फटी रह गयी। पुलिस वाले,क्या सुरेश आप ही है।जी ,हा साहब बोलिये,मुझसे कुछ