जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म पाँच जब अटल की बेहोशी टूटी तब सूरज सिर पर चढ़ आया था। उसने अपने घायल शरीर को टटोला, उसे आश्चर्य हो रहा था कि वह जिन्दा है। आज की मनहूस सुबह का सारा घटनाक्रम उसके मन—मस्तिष्क में फिल्म—सा घूम गया। उसके मुँह से दर्द—पीड़ा की समवेत चीखें कराह बन निकल पड़ीं। उस समय जब उसके पूरे परिवार का कत्लेआम हो रहा था, तब वह वहाँ से भाग आया था। वह मर क्यों नहीं गया उन्हीं के साथ। अटल फूट—फूट कर रो पड़ा। उसकी बाईं बाँह में गोली लगी थी। उपद्रवियों ने उसे मरा