आज स्वतंत्रता दिवस है ! आज़ादी का दिन,तो बेशक सब बाहर आज़ादी का जशन मना रहे हैं, हर जगह आज आज़ादी के ही चर्चे हो रहे हैं, भले ही घरों में अपने पक्षी या जानवरों को कैद किए हो पर लोग आज न जाने क्यों आज़ादी मुबारक आज़ादी मुबारक का शोर मचा रहें।बाहर गली में देश भक्ति से भरे गीत कहीं बज रहे थे जिसकी धीमी आवाज़ मेरे कमरे में भी आ रही थी जो मुझे स्पष्ट तो नहीं पर मतलब भर सुनाई दे रहे थे,पर मैं मजबूर थी क्या करती? जा भी नहीं सकती हूं ,कहीं भी ! इतना