मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (7) पापा के इरादे बुलंद थे, पर भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। किसी पौधे को अगर जड़ से उखाड़ दिया जाए और मीलों दूर ले जाकर एक नई जमीं पर उसे लगाया जाए तो पहले की तरह पनपने की गुंजाइश कितनी हो सकती है? देश के विभाजन के बाद सभी विस्थापित परिवारों की यही स्थिति थी! मेरी प्रिय सखी उमा झुनझुनवाला, कोलकाता की नाट्य संस्था ‘लिटिल थेस्पियन’ (Little Thespian) की संस्थापक, अभिनय और निर्देशन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम, जो संवेदनशील कवयित्री भी हैं। उन्होंने अपनी कविता