बुलडोज़र

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बुलडोज़र प्रियदर्शन कहानी तब शुरू हुई जब सिर्फ सात महीने पहले ली गई गाड़ी ख़राब हो गई। इंजन बिल्कुल रूठा हुआ था- स्टार्ट होने को तैयार नहीं। गाड़ी के सेंसर तक काम नहीं कर रहे थे। दोस्तों को बुला कर धक्के लगवाए, कुछ नहीं हुआ। एक जानकार ने बताया कि दूसरी गाड़ी की बैटरी से तार जोड़ कर इसे स्टार्ट किया जा सकता है। यह कोशिश भी नाकाम रही। इसके बाद कंपनी का मेकैनिक आया। वह भी नाकाम रहा। उसके बाद उसने बताया कि गाड़ी को वर्कशॉप ले जाना होगा। कहानी में यहीं से आलम भाई दाखिल हुए- एक भारी-भरकम