अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे - भाग 26

  • 7.8k
  • 1
  • 2k

अब तक आपने पढ़ा... “तुम्हे क्या हुआ है?” व्यापारी ने आश्चर्य से पूछा, “अभी तो कथा में हृदय विदारक पल आयेंगे। तब तुम क्या करोगे?”“मुझे अपनी पत्नि की याद आ गई। मैं भी उसे बहुत प्रेम करता था, किंतु...”“किंतु” के आगे वह बोल न सका। उसकी रुलाई फूट गई।“किंतु क्या?” व्यापारी ने बेचैन होकर पूछा। अब आगे... अनजाने लक्ष्य की यात्रा पे भाग-26 राक्षस और राजकुमार “तुम पूछते हो इस किंतु का अर्थ? क्या तुम जानते नहीं हर व्यक्ति अपने अंदर कई किंतु परंतु छिपाये रहता है। तुम तो कथाकार हो, एक कुशल कथाकार।