नूपुर को लगा यह रीछ उससे दोस्ती करना चाहते हैं. अन्यथा अब तक उसका काम तमाम कर देते. रीछों ने उसको कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाया.खाने के लिए शहद भी दिया. मधुमक्खियों से बचाया भी.काफी देर तक वह रीछ के साथ खेलती रही.उसे फिर भूख लगने .शहद से उसका पेट भरा नहीं था. खाने की तलाश में नूपुर ने चारों ओर देखा.बांयी ओर अंगूर की बेल थी.जिस पर बहुत सारे अंगूर लगे थे.नूपुर का चेहरा खुशी से चमक गया. वह अंगूर की वेल की ओर चल दी.उसने ढ़ेर सारे अंगूर तोड़कर फ्राक में भर लिए. इसके बाद, वह वापस