संवाद, दिल से

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मेरी कुछ इस तरह से हुई वार्तालाप मेरे दिल से । कि दिल भी हार गया समझाते समझाते । हुई कुछ दलीले इस तरह की । कभी मैं आगे कभी दिल ।▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪ मैंने कहा दिल से... क्यों किस्मत मेरी खराब है इतनी, कि चाहत उसी से जिसे पाने की हिम्मत नहीं मेरी । ख्वाब भी वो, आशियां भी वो । दिल भी वो, धड़कन भी वो । हर सांस में वो, हर लफ्ज़ में वो ।मन ही मन में वो, मेरी आत्मा में