"ताई" गॉव से आयी ताई यहाँ ठहरने को तैयार नहीं थी, कतई नहीं। पोटलीनुमा झोला काख में दबाए वह चली आ रही थी। उनका बड़ा बेटा सुबह ही अपने काम पर जा चुका था। बड़ा बिज़नेसमेन होने के नाते वह पौं फटने से पहले ही घर से निकल जाता था।गोया ताई को रेलवे स्टेशन छोड़ने कौन जाता? भाभी जी मुझे बुलाने आयी थी।मिन्नते करने लगी-" भाई साहब समझाओ न मांजी को, कल वे अपनी गाड़ी से गॉव छोड़ आएंगे, कैसे जाएँगी अकेले गॉंव, दो कदम तो चलना दूभर रहता है।" मैं उनके पीछे पीछे अपना लमरेटा स्कूटर ले दौड़ा था। काफी समझाया , पर