नमस्ते!! आज बात पुरुष प्रधान युग में गृहकार्य कुशलता के लिए तैयार होती नई खेप की | जी हाँ बात हमारे जैसे लाखों पुरुषों की जो इस करोना काल में ना चाहते हुए भी घरेलू कामकाज करने को मज़बूर हैं | वैसे दबाव सिर्फ घर का होता तो कोई बात ना थी, आई-गयी सी होती, पर यहाँ तो दबाव सामाजिक है | पड़ोसी, दोस्त, आफ़िस के सहयोगी सभी अपनी गृहकार्य कुशलता का बखान कर रहे हैं | और तो और नयी- नयी डिश, नये- नये पैतरे आग में घी का काम कर रहें है | एक मिडिल क्लास आदमी के