अरमान दुल्हन के - 5

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अरमान दुल्हन के भाग 5सरजू कविता से बहुत सारी बात कर लेना चाहता था मगर तभी भाभी चाय लेकर आ गयी। सब लोग चाय पीने लगे। कविता ने भाभी से जाने की इजाजत मांगी। सरजू का मन कर रहा था कि कविता थोड़ी देर और बैठ जाये। तभी कविता की बूआ ने आकर कविता को पुकारा -"मीनू ..ए मीनू , कित्त मरग्गी ( कहाँ चली गयी) ए।""हां बूआ""बेटी मन्नै एक काम सै, जाके आऊं सूं मैं, अर घरां कोय कोनी तेरा जी (मन)ना लागैगा ऐकली का। तेरी भाभी धोरै ए बतळा (बातें करना) लिये।""ठीक सै बूआ""आपका नाम मीनू सै, या