रहो प्यार सेअनिल जायसवालमिंटू बंदर और चंपा बंदरिया भागते जा रहे थे। बड़ी मुश्किल से आज वे बनवारी मदारी की चंगुल से छूटे थे। उन्होंने तय कर लिया था कि अब कभी किसी की जाल में नहीं फसेंगे।मिंटू ने पीछे मुड़कर देखा, दूर बनवारी डंडा लेकर भागकर उनकी ओर नजर आया। मिंटू चिल्लाया," चंपा, तेज भाग, वह भूत अभी भी हमारे पीछे है।"शहर में ना ज्यादा पेड़ थे और ना घने जंगल, जहां जाकर दोनों छिप जाते। तभी उन्हें एक ऊंची चारदीवारी दिखी। कोई और रास्ता ना देखकर, दोनों कूदकर चारदीवारी के उस पार चले गए।यह छोटे बच्चों का एक