तेरे शहर के मेरे लोग - 15

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( पंद्रह )कुछ समय पूर्व मैंने अपने पुत्र की सगाई का ज़िक्र किया था। तो आपको अपनी बहू, यानी उसकी होने वाली पत्नी के बारे में भी बता दूं, कि वो कौन थी! मेरे एक पुराने मित्र थे। उनसे कई साल पुरानी दोस्ती थी। उनकी और मेरी दोस्ती का सबसे बड़ा आधार ये था कि वो भी मेरी तरह ख़ूब घूमते रहे थे। घूमना हमारा शौक़ नहीं बल्कि व्यवसाय जैसा ही रहा था।एक बड़ा फ़र्क ये था कि मैं जिस तरह ज़मीन पर घूमा था वो पानी पर घूमते रहे थे। वे मर्चेंट नेवी में रहे थे और उनके जलपोत किनारे