30 शेड्स ऑफ बेला - 3

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30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 3 by Pratima Pandey प्रतिमा पांडेय मोह-माया और मन ‘मरना! कौन मरता है? पीछे रह जाने वाला या आगे के सफर पर निकल जाने वाला?’ श्मशान में उस औरत के सामने बेला का मन अपनी इस सोच पर मुस्कुरा दिया। उसने ध्यान देना जरूरी नहीं समझा कि यह मुस्कुराहट तंज की है या विडंबना की। उसने वापस होटल जाने का मन बना लिया। काफी रात हो गई थी। आखिर बनारस में भी लोग ही तो हैं और जिंदगी का कहना तो यही है कि लोगों का कोई भरोसा