जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म तीन पाँच दिसम्बर उन्नीस सौ इकहत्तर की यह कोहरे से ढँकी सुबह थी। भारतीय थल सेना के जाट रेजीमेंट की पूरी एक कम्पनी के एक सौ पचास सैनिक एक वर्ग किलोमीटर के इस बीहड़ वाले इलाके में पैराशूट से उतरने लगे । इन्हीं एक सौ पचास सैनिकों में एक सैनिक है लेफ़्िटनेंट बलवीर सिंह जो पिछले माह ही सैकेंड लेफ़्िटनेंट से लेफ़्िटनेंट बना था। वह एक कुशल पैराट्रूपर (छाताधारी सैनिक) है। मात्र चोैबीस वर्ष में यह उसकी दूसरी सफलता थी। इसके पहले उसने राज्य स्तरीय परीक्षा पास कर डिप्टी कलेक्टरी ज्वाइन की थी, पर