राम रचि राखा तूफान (३) सुबह आठ-साढ़े आठ बजे तक सबलोग मोटरबोट में आ गए। नाव चल पड़ी। नदी की चौड़े पाठ के दोनों ओर जंगल ही जंगल दिखाई देने लगे। ये जंगल ही बाघों के निवास स्थान थे। सबके मन में एक ही आशा थी कि कहीं बाघ दिख जाए। लेकिन बाघ तो कभी कभार ही दिखते हैं। हाँ किनारे पर धूप सेंकते मगरमच्छ और गोह अवश्य दिखाई देने लगे। साथ ही जंगल के अंदर हिरनो के झुण्ड भी घास चरते हुए लक्षित होने लगे। सबलोग चित्र लेने में व्यस्त हो गए। पहला पड़ाव पीरखली था। पीरखाली के बाद देउल बरनी, बनबीबी बरनी होते हुए दो-बंकी टाइगर रिज़र्व फारेस्ट में