मेरा स्वर्णिम बंगाल - 4

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मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (4) फोन पर जब मैंने श्यामल भैया को मोईनपुर के बारे मे पूछा, वे ख़ुशी से उछल पड़े। उनकी आवाज़ में उनकी ख़ुशी झलक रही थी, ‘अरे, जानती हो मल्लिका, हमारे गाँव के पास से पक्की सड़क गुजरती ह