बात उन दिनों की है जब मै कक्षा 8वी में पढ़ता था, अर्द्धवार्षिक परीक्षा समाप्त हो चुकी थी और हम सभी वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियों में जोर शोर से लगे हुए थे। दिसम्बर-जनवरी का महीना था, और वातावरण में अब ठंड का प्रभाव थोड़ा कम होने लगा था, प्रकृति अपनी ठंडक भरी हवाओं को छोड़कर हल्की हल्की गुनगुनी धूप के साथ अपने बासंती रंग में लौट रही थी। इस स्कूल में मै इसी साल आया था और अब तक लगभग पूरे स्कूल में मेरी सभी से अच्छी जान पहचान हो चुकी थी, कई लोगों से तो प्रगाढ़ मित्रता हो गई