समय पंख लगा बीत रहा था । चांदनी की शादी को चार महीने हो गए थे लेकिन यह चार महीने खुशियों से भरे व उसकी कल्पना से परे थे । हर दिन के साथ उनका प्यार और और गहरा होता जा रहा था। चांदनी की कमियों पर भी आकाश अपनी मां के सामने यह कहते हुए पर्दा डाल देता "मम्मी समय दो इसे। सीख जाएगी घर के तौर तरीके। सभी लड़कियां अपने घर में लाडली ही होती है और फिर आप हो ना इसे सिखाने के लिए ।" चांदनी जब भी अपनी पीहर जाती, आकाश की तारीफों के पुल बांधते