एक उम्मीद - भाग - 2

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अभी तक कहानी में आपने देखा है कि उसकी सास और ससुर का ही जिक्र है पर बेटे का नहीं क्योंकि उनका बेटा बस अपनी मां के इशारे पर चलता है, उसमें अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करने की छमता नहीं है । (शायद उसकी कुछ गलत कमियों की वजह से ही वो रिश्ते में झुक गई हो, हो सकता है ऐसा भी)। आगे कहानी पर आते हैं, देखते हैं क्या होता है । धीरे-धीरे सारे रिश्तेदार अपने-अपने घर जाने लगते हैं और कविता की जिंदगी थोड़ा आसान होने लगती है । शादी की भागम भाग खत्म हो गई होती है