जीने के लिए - 6 अंतिम भाग

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पूर्व कथा को जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें…. गतांक से आगे-----------/---------- इसके कुछ दिनों के पश्चात की घटना थी।दोपहर में विकास जी के बेटे मानस का फोन आया कि आन्टी जी जल्दी से घर आ जाइए,मम्मी की तबीयत अत्यधिक खराब हो गई है।वे आनन फानन में पहुंचीं तो ज्ञात हुआ कि छत पर कपड़े फैलाकर सीढ़ियों से नीचे उतरते समय 3-4 सीढ़ियों से फिसलकर आंगन में जा गिरी थीं।विकास जी किसी कार्य वश दिल्ली गए हुए थे।आरती मानस की सहायता से सरला को लेकर अस्पताल पहुंची,जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि पेट के बल गिरने