जय हिन्द की सेना - 1

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जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म एक सुबह मुँह अंधेरे अटल दा ने मुझे झकझोर कर जगा दिया। घर के सभी लोग अस्त—व्यस्त से कहीं जाने की तैयारी में लगे थे। कल देर रात तक हम सभी रहमान चाचा के घर के तहखाने में छिपे रहे, फिर जब उन्होंने हम लोगों को अपने फार्म हाउस में पहुँचा दिया तब सभी ने राहत की साँस ली। कस्बे में हो रहे उपद्रव से हम सभी भयभीत थे। सभी जागते रहे पर मैं पता नहीं कब सो गयी। पिछले आठ दिनों से दौलतपुर कस्बे की पूरी व्यवस्था हलकान थी। हमारा परिवार प्रतिष्ठित ही