छूटा हुआ कुछ - 4

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छूटा हुआ कुछ डा. रमाकांत शर्मा 4. उमा जी के मन में उथल-पुथल सी चल रही थी। इतने समय बाद पुष्पा के वे शब्द उनके कानों में गूंज रहे थे – “तूने किसी से प्रेम नहीं किया, अगर किया होता तो मेरी भावनाओं को समझ पाती।“ उमा जी अब छप्पन साल की हो गई थीं और गृहस्थी तथा स्कूल की व्यस्तताओं से लगभग आजाद हो गई थीं। स्कूल में वे हिंदी पढ़ाती रही थीं। प्रेम संबंधी कविताओं की व्याख्या करती रही थीं, पर उन्होंने खुद ने तो कभी उस प्रेम का रसास्वादन नहीं किया था जिसकी हर बात में, यहां