एक बूँद इश्क - 20

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एक बूँद इश्क (20) उस झोपड़े में आज बहार सी आ गयी। पंखडंडियों से गुजरती छोकरियों ने तो ताकाझाँकी भी शुरु कर दी है। सबके मन में पूरा यकीन है जरुर शंकर ने अपने बड़े बेटे का ब्याह पक्का किया है। परेश बाहर तख्त पर बैठा है गणेश और शंकर के साथ..रीमा अन्दर काबेरी के पास है। यूँ तो परेश को कभी प्रकृति से कोई खास लगाव नही रहा मगर वह उसका अतीत था आज तो वोह भी उसमें बह रहा है। उसने एक नजर उठा कर चारों तरफ सीधे तने पहाड़ों को देखा...चिड़ियों को देखा किस बेवाकी से पखंडडियों