वो भूली दास्तां, भाग-७

  • 8.6k
  • 2
  • 2.8k

शादी की तारीख तय होते ही दोनों घरों में शादी की तैयारियां होनी शुरू हो गई थी। आकाश की मां के अरमान तो बहुत थे कि उसकी भी बहू दूसरी बहुओं की तरह उसके लिए गहने व खूब सुंदर कपड़े लत्ते लेकर आए, साथ ही मोटा दहेज। चांदनी के घर की हालत देखकर उसे लग नहीं रहा था कि वहां से ऐसा कुछ आने वाला है। खुलकर वह कुछ कह नहीं सकती थी क्योंकि उसे अपने बेटे के नाराज होने का डर था। फिर भी बातों ही बातों में उसने आकाश और उसके पापा के सामने अपनी बात रखते हुए