विरासत पार्ट - 3 यह कोचिंग समाप्त होने का समय था। बस इसी समय ॠचा से भेंट हो सकती है अन्यथा अगले दो दिन छुट्टियाँ हो जाएँगीं तो उससे मिल सकना असंभव हो जाएगा। घर से निकला तो कोचिंग तक जाने के लिए ही था पर मन को पता नहीं क्यों, इस समय ऋचा से मिलने जाना एक विलासिता सी लग रही थी। इस समय शायद उसे रासबिहारी ठाकुर की कोठी पर जाना चाहिए कि पता तो चले वहाँ पर उसके लिए कोई भविष्य है या नहीं! मगर इन दो दिनों में ऋचा ने फोन क्यों नहीं किया?