विजय सलगांवकर और उनकी फैमिली 2 और 3 अक्टूबर को पणजी में थे। वहां वे पहले स्वामी चिन्मयानंद के सत्संग में गए, फिर होटल में रुके, दूसरे दिन उन्होंने फिल्म देखी, रेस्टोरेंट में पाव भाजी खाया और वापस अपने घर बस से चले गए।इस दृश्य की नींव पर बनी है फ़िल्म दृश्यम। सच और जूठ के बीच यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि सही क्या था। सच हर बार सही नहीं होता और कई बार जूठ के अतिरिक्त कोई मार्ग ही नहीं बचता।फ़िल्म 2015 में रिलीज़ हुई थी और काफी तादाद में दर्शकों ने इसे बड़े परदे