आज मैं अपने जीवन के उस मोड़ पे खड़ा हूं जहां से सोचा जा सकता है कि मैंने गलतियां की या नहीं पर मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैंने कोई भूल नहीं की। मुझे कोई पछतावा नहीं है कि मैंने अपने दिल की बात नहीं सुनी और जो सही भी था और वक्त की मांग भी वही किया। बेशक वो मेरी जिंदगी के खूबसूरत पल थे जिन्हें मैं कभी भूल नहीं सकता। मैंने उन दिनों बारहवीं कक्षा के बाद परिणाम की प्रतीक्षा कर