जीवन - साथी

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"उनकी सूनी-सूनी आंखें बार बार दरवाजे पर जाकर लौट आती।" मन मैं अजीब सी बैचैनी महसूस कर रहे थे। लेकिन उन्हें यह समझ नही आ रहा था, कि ऐसा क्यों हो रहा है। बहू जाते - जाते नाश्ता बनाकर रख गई थी। लेकिन उन्होंने उसे देखा तक नही। वह लगभग 86 वर्ष के बुजुर्ग थे। पूरा चेहरा झुर्रियों से भरा हुआ था। बाल हिम की तरह सफ़ेद हो गए थे। यहां तक कि भौंहों के बाल भी सिर के बालों से अपना तालमेल बना रहे थे। हाथ-पैर भी कांपने लगे थे। मुंह ‌मे‌ में दांत न होने के कारण होंठ