ट्रिन ट्रिन ट्रिन..................(अलार्म की आवाज)अंगडाई लेते हुए मैं उठा सुबह के सात बज चुके थे बाहर आकर देखा तो घनघोर बादलों ने हमें चारों ओर से घेर रखा था। इस सुहावने मौसम में मुझे दो ही चीजे पसन्द आती थी एक तो सोना दूसरा चाय के साथ स्नैक्स। फिलहाल मेरे पास दोनो ही विकल्प नही थे क्योंकि मुझे दफ्तर में बहुत जरूरी फाइल के साथ पहुँचना था जिसे मैंने बीती देर रात तक बनाया था। इस प्रोजेक्ट से मेरी प्रामोशन होने की संभावनाये बहुत ज्यादा थी तो मैं बहुत अधिक उत्साहित था तो इस मौसम के लुभावन में आना मेरे लिये