नमकीन चाय एक मार्मिक प्रेम कथा - अध्याय-5

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अध्याय – 5 इधर चंदन दूसरे दिन सुबह फिर से रिया के फोन का इंतजार करता हरा परंतु दिन भर फोन नहीं आया। वह बिना नाश्ता किए ही ऑफिस चला गया। ऐसे ही उसके दो दिन बीत गए।क्या भाई चंदन। दो तीन दिन से देख रहा हूँ, न तो तू कुछ बात करता है खोया रहता है, आखिर बात क्या? रमेश पूछा।कुछ नहीं यार बस मन खराब है।क्यों ?आज तीन दिन हो गए रिया का फोन नहीं आया है यार। मैं परेशान हो गया हूँ वो इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है। उसे मेरी कोई फिक्र नहीं है।हो सकता है किसी