एक रोज फिर उसने व्योम से कहा व्योम में थक जाती हूं, मुझे भी आराम चाहिए। व्योम ने शकुंतला जी की तरह ताने मारते हुए कहा काम ही क्या है तुम्हे। करती ही क्या हो जो रोज एक ही बात लेकर बैठ जाती हो राशि। शादी के दस साल गुजर गए व्योम मगर आप अभी तक ये नही जान पाए कि मैं करती क्या हु राशि ने व्योम से कहा। हा वैसे भी आप कहा से जानेंगे ये सब। जब करना पड़े तब समझ आता है कि मैं करती क्या हूँ, राशि ने तय कर लिया आज जो भी हो