अध्याय - 3चंदन वापस घर आया तो प्रसन्न भी था और दुखी भी था। उसे लग रहा था कि उसको प्यार मिला और मिलते ही बिछुड़ गया।भरे मन से उसने नाश्ता किया और ऑफिस के लिए निकल गया।रमेश उसके बगल में ही बैठा था।क्यों भाई आज फील्ड में नहीं जाना क्या ?चुपचाप दिखाई दे रहा है। क्या बात है रमेश ने पूछा ?कोई बात नहीं है रमेश।नहीं, कुछ तो बात है रिया का क्या हालचाल है। बात बनी कि नहीं ? रमेश पूछा ?अरे यार! बात बनी भी और नहीं भी। चंदन बोला।कैसे ?हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते