रोबोट वाले गुण्डे-6

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प्रो. दयाल की आवाज़ थी। अंदर से घबराते हुये भी उन्होंने बड़े इत्मीनान से दयाल साहब से बातं की और रिसीवर बन्द कर दिया। जब वे फिर खिड़की से बाहर ताकने लगे थे। उन्हें पृथ्वी से दूर एक चित्र-परिचित यान दिखा - भारती। वे उसे गौर से देखने लगे। एक यात्री बाहर आकर अंतरिक्ष में तैर रहा था, फिर अचानक वह लौटा और यान में प्रविष्ट हो गया। अजय-अभय ने देखा कि एक विशाल पक्षी अपनी चौंच फैलाये उस यान की ओर बढ़ रहा है।