चाँद के पार एक चाबी - 1

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चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 1 जब वह मुझे पहली बार मिला था, तब हमारी दुनिया में मोबाइल का आगमन नहीं हुआ था। जब वह दूसरी बार मिला, तब हमारी जिन्दगियों में मोबाइल हवा, धूप,, पानी की तरह शामिल हो चुका था। पहली बार जब वह मुझे मिला था, तो हम दोनों के बीच एक चिट्ठीभर परिचय था। उसने सुदूर एक कस्बा होते गांव से मुझे अंतर्देशीय पत्र लिख भेजा था, जिसमें उसने अपने बारे में जितना अस्फुट-सा कुछ लिखा था, उससे ज्यादा उसने मेरी कहानी के बारे में लिखा था। कह सकते हैं, उसने उस पत्र में