गवाक्ष - 10

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गवाक्ष 10 प्रतिदिन की भाँति उस दिन भी चांडाल-चौकड़ी अपनी मस्ती में थी कि एक हादसे ने सत्यव्रत को झकझोर दिया, उसे जीवन की गति ने पाठ पढ़ा दिया। एक रात्रि जब वह मित्रों के साथ खा-पीकर अपनी विदेशी कार में घूमने निकला तब एक भयंकर दुर्घटना घटी। एक भैंस उसकी कार के सामने आ गई, भैंस के मालिक ने कई लठैतों के साथ मिलकर उसे मारने के लिए घेर लिया। सारे मित्र दुर्घटना-स्थल से भाग निकले, वह कठिन परिस्थिति में फँस गया। उसको बुरी प्रकार पीटा गया, जेब से सारे पैसे निकाल लिए गए, हीरे की घड़ी, अँगूठियाँ सब छीन ली गईं, उसकी एक टाँग बुरी प्रकार कुचल