आत्मा की आवाज(भाग 1)

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गणेश को बचपन से ही चोरी की आदत पड़ गई थी।बड़ा होकर वह शातिर चोर बन गया।छोटा था तो छोटी चोरी करता था।बड़ा हुआ तो बड़ी चोरी करने लगा।रात को जब लोग अपने अपने घरों में सो रहे होते।तब वह सेंध लगाकर किसी घर मे घुसता।घर के लोग गहरी नींद में सो रहे होते और वह नगदी,गहने चुराकर रफूचक्कर हो जाता।वह बडी होशियारी, चालाकी से चोरी करता था।इसलिए कभी नही पकड़ा गया था।जिस घर मे चोरी करता।उसमे रहनेवालो को भी सुबह ही घर मे चोरी होने का पता चलता।चोरी की घटना होने पर जनता हल्ला मचाती। अखबार में समाचार प्रमुखता