पैडमेन फ़िल्म के बहाने

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पैडमेन फ़िल्म के बहाने [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] मुझे लगता है फ़िल्म पैडमेन ने एक सामाजिक क्रांति कर दी है। लोग आज खुलकर स्त्रियों द्वारा मासिक धर्म या माहवारी या ऋतुचक्र या मेंस्ट्रुअल सायकल या संक्षिप्त में जैसा कि शहरों में कहा जाता है 'एम. सी. 'या' महीने से'के समय उपयोग में लाये जाने वाले सेनेटरी नेपकिन्स या पेड्स की बात करने लगे हैं। इसका प्रथम श्रेय तो तमिलनाडु के सन १९६२ में पैदा होने वाले अरुणाचलम मुरुनगनंथम को जाता ही है लेकिन 'टॉयलेट एक प्रेमकथा 'जैसी समाज के गंभीर मुद्दे का हल खोजती फ़िल्म के बाद 'पैडमेन 'जैसी सोद्देश्य