उर्वशी - 11

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उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 11 फिर वे लोग कालका माता के मंदिर की ओर चल दिये। वहाँ जाकर विशेष पूजा करवाई गई। पूजा के उपरांत उर्वशी का हाथ लगवाकर गरीबों को भोजन बाँटा जाने लगा। इन सब मे काफी समय हो गया। जब वे लोग घर लौटे तो सुबह के दस बज गए थे। वह प्रसाद देने के लिये शौर्य को ढूँढने लगी, तो मालूम हुआ कि वह ऑफिस जा चुका है। यह देखकर उर्वशी ने स्वयं को बहुत आहत महसूस किया। ये क्या बात हुई, उसका पहला जन्मदिन और उन्होंने उसे बधाई भी नहीं दी ! न उसकी