दह--शत - 14

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एपीसोड ----१४ प्रिंसीपल वी. पी .की आँखें आग उगलने लगीं “आप मेरा ऑफ़र ठुकराकर जा रही हैं शायद आप वी.पी. को जानती नहीं हैं ।” उनकी आँखों में वहशी लाल डोरे उभर आये थे । “कल तक मेरा ‘रेजिग्नेशन लैटर’ आप तक पहुँच जायेगा ।” “आपने वी.पी. को समझ क्या रखा है? मुझे नाराज़ कर आप इस शहर में कहीं नौकरी न कर पायेंगी?” “नौकरी करने के अलावा भी मेरे जीवन में बहुत काम है ।” कहते हुए वह तेज़ी से बाहर निकल आई थी। उनके बंगले का गेट घबराहट में खुला छोड़ एक ऑटो पकड़ घर चल दी थी । “मैडम