होने से न होने तक 44. पूरे आफिस में और सभी टीचर्स के बीच दीपा दी की तन्ख़ा रोक लिये जाने की यह ख़बर फैल गयी थी। जो टीचर्स दमयन्ती के खेमे के थे उन्हें दमयन्ती ने बताया था और दीपा वर्मा के शुभ चिन्तकों को रामचन्दर बाबू ने। विद्यालय में एक तनाव फैल गया था जैसे सब स्तब्ध हों। वे भी जो विजित महसूस कर रहे थे और वे भी जो अपने आप को पराजित। क्या हो गया इस कालेज को। यही सब लोग तो थे पहले...एक दूसरे के सुख में ख़ुश होने वाले...एक दूसरे के दुख में साथ