मैं, मैसेज और तज़ीन - 2

  • 9.2k
  • 1
  • 3.3k

मैं, मैसेज और तज़ीन - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 2 नेहा की बातों के कारण मैं उस दिन देर तक सो नहीं सकी थी। वैसी बातें मैंने पहली बार की थीं। तमाम बातें पहली बार सुनी थीं। उसकी बेलाग बातों में से जहां कुछ शर्म पैदा कर रही थीं, वहीं कुछ बातें रोमांचित कर रही थीं। अजीब सा तनाव पैदा कर रही थीं। बहुत देर से सोने के कारण सवेरे मां की आवाज़ पर उठ तो गई लेकिन आंखें दिन भर कड़वाती रहीं। दिन भर शाम को पापा डाटेंगे यह सोच-सोच कर भी परेशान होती रही। पढ़ाई में दिनभर मन नहीं