बंधन जन्मोंका - 7 - अंतिम भाग

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( प्रिय वाचक मित्रों , आपका बहुत बहुत धन्यवाद, एवं मातृभारती का भी बहुत बहुत धन्यवाद । प्रकरण-6 में हमने देखा कि सोना और सूरज एवं उनके सभी दोस्तों दार्जिलिंगकी सैर करके कलकता लौट आए हैं। सूरज बङुत ही ज्यादा खुश था, नहीं , खुशीसे पागल था । वह सोना को मिलने अपनी ही धूनमें जा रहा था। और अति खुशी भी कभी कभी दुःख का कारन बन जाती हैं, इसी तरह सूरज के बारेमें भी वैसा ही हुआ । खुशी के मारे उसका अपने आप पर काबू ही न रहा और कार अकस्मात इतना भयंकर हुआ कि बडी दुर्घटनामें