आधा आदमी - 22

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आधा आदमी अध्‍याय-22 ज्ञानदीप आगे की लाइनें पढ़ पाता कि सेलफोन बज उठा। उसने उठकर हैलो कहा तो पता चला कम्पनी वालों की काँल हैं। उसने बड़बड़ाते हुए सेलफोन रख दिया, ‘‘साले टाइम, बेटाइम काँल करते हैं ऐसी कंपनियों पर तो केस कर देना चाहिए। जिससे फिर दूसरी कंपनी ऐसी हिमाकत करने की कोशिश न करें.‘‘ ज्ञानदीप ने पानी पीकर अपना गुस्सा शांत किया और नेल्सन मंडेला की तरह लेट कर पढ़ने लगा- ‘‘कौन हैं आप बिना पूछे मेरे कमरे में कैसे आये?‘‘ ‘‘अरी बहिनी! हम्में नाय पहिचान पायेव, हम्म भी जनानी हय.‘‘ मैंने देखा उसकी देह-दशा मर्दाना थी, मगर